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ग्लोबल वार्मिंग से खतरे में गुलाब की खेती | | Rose Farming In India

بواسطة Meri Kheti
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تم نشره في 2021/07/09

इत्र, गुलाब जल, गुलकंद कारोबार के लिए की जाने वाली गुलाब की खेती और खेती करने वाले किसान संकट में हैं। साल में तीन बार फूल देने वाली गुलाब की फसल से एक बार ही फल मिलता है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से किसानों ने गुलाब की खेती करना धीरे-धीरे छोड़ दिया है। यह स्थिति उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के कन्नौज तक के फूलों की खेती वाले इलाके के सभी किसानों की है। वह अब अपने खेतों में साल में तीन फसलें लेते हैं। गुलाब की खेती केवल वह किसान कर रहे हैं जिन्हें गुलाब की खेती हटानी है। गुलाब के खेतों में उन्होंने बगीचे लगा दिए हैं और जैसे ही फलदार पौधे बड़े होंगे तो गुलाब की खेती खत्म कर देंगे। गुलाब के खेतों में लगे पौधों को पशुओं से नुकसान नहीं होता। जानिए हाथरस जनपद के गांव सीधा मई के किसान पूरन सिंह की जुबानी, गुलाब की खेती की कहानी | पशुपालन और कृषि कार्यो से सम्बंधित जानकारी के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और Bell 🔔आइकन को दबाएं #Merikheti #Rose Farming #Farmers #Farmlife #Agriculture #Agricultureandfarming #Kheti #Khetibadi #Atmanirbharkrishi #FarmersMakeIndia Follow us on: Youtube: /channel/UCWAueNZAjfNjPPMpkZ7fesQ Facebook: https://www.facebook.com/MeriKheti-103517847772631/ Website: https://www.merikheti.com Twitter: https://twitter.com/merikhetiindia Instagram: https://www.instagram.com/merikheti2020

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