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छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश नियंत्रण | छत्तीसगढ़ के ब्रिटिश अधीक्षक | मराठा कालीन ब्रिटिश अधीक्षक | cg history

بواسطة VED 36
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تم نشره في 2020/10/17

#VED36 #CG_HISTORY 🔴ब्रिटिश कालीन मराठा शासन - 1818 से 1830 तक-   अप्पा राव  के बाद रघु जी तृतीय को राजा बनाया गाया परन्तु उस समय रघुजी तृतीय की बचपना होने के कारण ब्रिटिश ने अपना एजेंट बना कर राज किया अंग्रेजों के रेजिडेंट जेंकिन्स को ंयुक्त किया। 🔴छत्तीसगढ़ के ब्रिटिश अधिकारी - 1 . कैप्टन एडमन -                             छत्तीसगढ़ के प्रथम अधीक्षक रहे इन्ही के समय में डोंगरगढ़ के जमीदारों ने विद्रोह किया। 2.कैप्टन  एगेन्यु -1818 से 24 तक                       रतनपुर रायपुर का एकीकरण कर राजधानी रायपुर को बनाया गया। वीरनारायण सिंह के पिता रामराय ने इसी के समय विद्रोह कर दिया। जमींदार गेन सिंह ने भी  विद्रोह कर दिया। 3.कैप्टन हंटर - -1825 4. कैप्टन सैंडिस - 1825 से 1828 तक सम्पूर्ण कार्य प्रणाली अंग्रेजी भाषा में किया।  डाक तार का विकास  ताहूतदारी  प्रथा - बंजर जमीं को कृषि कार्य हेतु उपयोग करना (छत्तीसगढ़ के ताहूतदार के जन्मदाता ) मराठो के समय  ताहूतदार ,सिरपुर और लवन था।   ग्रिगेरियन कलेण्डर के तहत अंग्रेजी वर्ष लागु किया गया।              नोट- 1856 में चार्ल्स इलियट ने सिहावा ,खल्लारी ,और संजारी को तीन ताहूतदार बनाया। 5. विल्किन्स --1828 से 1830 तक 6. कैप्टन क्रॉफर्ड - 1830  इन्ही के द्वारा छत्तीसगढ़ का शासन पुनः भोसले शासन रघुजी तृतीय को सौप दिया और राज्यों में जिलेदार की न्युक्ति की। पुनः भोसला शासन - 1830 से 1854 तक- कैप्टन क्रॉफर्ड ने रघुजी तृतीय को पुनः शासन हस्तांतरित कर दिया और जाते समय जिलेदार  बनाया। जिलेदार - छत्तीसगढ़ में 1830 से 1854 तक की अवधि में कुल 8 जिलेदार बनाया गया। 1 कृष्णा राव , 2 अमृतराव ,3 सदरुद्दीन ,4 दुर्गा प्रसाद ,5 इंटुकराव , 6 सखाराम बापू ,7 गोविंदराव , 8 गोपाल राव। इन्ही जिलेदार के साथ मिलकर रघुजी तृतीय ने शासन चलाया।

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