मौर्य वंश की स्थापना चन्द्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य/ विष्णुगुप्त / कौटिल्य की मदद से नन्द वंश का अंतिम शासक घनानंद को मार कर की । अर्थशास्त्र की रचना चाणक्य ने की जिसमें मौर्यकालिन राजव्यवस्था का वर्णन मिलता है । अशोक के अभिलेख भारत, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान से लगभग 40 जगहों से प्राप्त हुए हैं । अशोक के अभिलेखों में प्रयुक्त लिपि ब्राह्मीलिपी, खरोष्टी, अरामाईक तथा ग्रीक है । शक महाक्षत्रप रुद्रदामन का जुनागढ़ अभिलेख (सौराष्ट्र :गिरनार ) में मौर्य शासक चन्द्रगुप्त के बारे में वर्णन किया गया है । तथा इसी अभिलेख में सुदर्शन झील के बारे में वर्णन मिलता है जिसका निर्माण पुष्यगुप्त नामक वैश्य ने सिंचाई व्यवस्था के लिए की थी। मेगास्थनीज की रचना इंडिका में चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रशासन, समाज तथा संस्कृति के बारे में वर्णन मिलता है । यूनानी-रोमन लेखकों न अपनी रचनाओं में चन्द्रगुप्त को सैन्ड्रोकोट्स तथा एंड्रोकोटस कहा है । इन नामों का तदात्मय सर्वप्रथम सर विलियम जोन्स ने चन्द्रगुप्त से की । विशाखदत्त ने मुद्राराक्षस की रचना की जिसमें मौर्य वंश के उत्थान तथा पतन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है ।
( Garima IAS :VIJAY KUMAR )